अगर बात सुनोगे तो कुछ बदलाव हो सकता है.
गुरु बोले और शिष्यने बात सुनी, और सुनते सुनते यात्रा होती गई. लेकिन जब गुरु संगीतके माध्यम से बोले तो उसे शबद कहा गया भारत में.
iktara circle शबद को सुनने का प्रयास है.
शायद यहाँ गाते-गाते नाचते-नाचते हम कुछ समज सके, कुछ अपना अर्थ निकाल सके, हँसी और आंसू बाँट सके.
बस और क्या चाहिए ?